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नगर निगम ऋषिकेश

नगर निगम ऋषिकेश, उत्तराखंड में ऋषिकेश शहर को नियंत्रित करने वाला नगर निकाय है।
इस निगम में 40 वार्ड हैं, और इसका नेतृत्व मेयर करते हैं, जो वार्डों का प्रतिनिधित्व करने वाले 40 पार्षदों की अध्यक्षता करते हैं।

नगर निगम ऋषिकेश के गठन का संक्षिप्त इतिहास:-

1) 6/11/2017 को नगरपालिका का सीमा विस्तार करते हुए उसमें ग्रामसभा ऋषिकेश एवं वीरपुर खुर्द मिलाकर विस्तार किया गया।

2) 8/12/2017 को नगर पालिका ऋषिकेश का नगर निगम में उच्चीकरण हुआ।

3) 2/12/2018 को नगर निगम ऋषिकेश की नवनिर्वाचित पहली महापौर श्रीमती अनिता ममगाईं एवं निर्वाचित पार्षदों द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ ली गई।

शपथ समारोह nagar nigam

ऋषिकेश योग की वैश्विक राजधानी है। हिमालय की निचली पहाड़ियों और प्राकृतिक सुंदरता से गिरे इस धार्मिक स्थान से बहती गंगा इसे अतुल्य बनाती है।

ऋषिकेश को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है। कहा जाता है कि इस स्थान पर ध्यान लगाने से मोक्ष प्राप्त होता है ।
विदेशी पर्यटक भी यहां आध्यात्मिक सुख की चाह में नियमित रूप से आते हैं।

ऋषिकेश से संबंधित अनेक धार्मिक कथाएं प्रचलित है कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकला विष शिव ने इस स्थान पर पिया था। विष पीने के बाद उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें नीलकंठ के नाम से जाना गया।

एक अन्य अनुश्रुति के अनुसार भगवान राम ने वनवास के दौरान यहां के जंगलों में अपना समय व्यतीत किया था।रस्सी से बना लक्ष्मण झूला इसका प्रमाण माना जाता है।

यह भी कहा जाता है कि ऋषि रैभ्य ने यहां ईश्वर के दर्शन के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ऋषिकेश के अवतार में प्रकट हुए तब से स्थान को ऋषिकेश नाम से जाना जाता है।

ऋषिकेश

नीलकण्ठ महादेव

rishikesh laxman jhula

लक्ष्मण झूला

त्रिवेणी घाट

त्रिवेणी घाट